केमिकल लोचे के शिकार.....

पहचान कौन???

मेरी फ़ोटो
मैं कौन हूँ, मैं क्या कहूं? तुझमे भी तो शामिल हूँ मैं! तेरे बिन अधूरा हूँ! तुझसे ही तो कामिल हूँ मैं!

आपको पहले भी यहीं देखा है....!!!

बुधवार, 13 मार्च 2013

थ्री में ना थर्टीन में!!!

प्यारी सहेलियों और यारों,
अनसरटेनिटी से आपको-मुझे, गाहे-बगाहे, कभी-ना-कभी दो-चार होना ही पड़ता है. समझ नहीं आता के घर जाएँ या घाट! और प्रचंड बेचैनी होती है इस बात की के धुंध में कोई किरण नज़र आये धूप की! और कभी कभार तो ऐसी भी स्थिति आ जाती है, जो इस मुहावरे से बयान होती है:
तीन में ना तेरह में 
घनश्याम गधैय्या घेरे में 

'थ्री में ना थर्टीन में' मन में क्या चलता है घनश्याम गधैय्या के, प्रस्तुत है:

द अरावलीज़ एज़ सीन फ्रॉम ए डिस्टेंट ट्रेन 

(१) 
सामने पर्वत बड़ा!
जाने कबसे यहीं खड़ा!
तू क्यूँ बता, हारे है हिम्मत?
जब वो भी है ज़िद पर अड़ा!

कोसता क़िस्मत को क्यूँ?
जो सामना इससे पड़ा!
होगा ये क़दमों तले!
प्रयास कर, जो तू चढ़ा!


(२)
तूने ही मनमर्ज़ी से!
ख़ुद ही छोड़ा घोंसला!
फिर क्यूँ यूँ घबराये है?
क्यूँ गंवाए होंसला!

डूबा है किस सोच में?
अब ज़रा पंख फैला!
परवाह ना कर अंजाम की!
आप ही होगा भला!

सुन ले बेशक सब की तू!
मान पर ख़ुद की सलाह!
प्रयास कर, साकार कर उसे,
जो ख़्वाब आँखों में पला!



(३)
क्यूँ है परेशां?
ये सोच के.....
भविष्य के गर्भ में,
क्या है छुपा!?

जो आज, है कल!
वो कल, आज हो जाएगा!
तब तलक निश्चिंत रह!
क्यूंकि मृत्यु निश्चित है!
और कुछ हो ना हो.....

12 टिप्‍पणियां:

शिवनाथ कुमार ने कहा…

कर्म करते रहना जरुरी है ...
प्रभावकारी रचना ,,,

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

3rd मे तो सच्चाई को बयान किया है बॉस।

बहुत अच्छा लिखे हैं बॉस।

सादर

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

चलो, अवरोधों से बतिया लें।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सभी किसी न किसी घेरे में हैं ....... सुंदर पंक्तियाँ लिखी है

sonal ने कहा…

Waah....josh bhari

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जो आज, है कल!
वो कल, आज हो जाएगा!
तब तलक निश्चिंत रह!
क्यूंकि मृत्यु निश्चित है!
और कुछ हो ना हो...

दुरुस्त कहा है ... मृत्यु तो निश्चित है ...
चचा ग़ालिब कह गए हैं ... मौत का एक दिन मुऐयन है .... नींद क्यों रात भर नहीं आती ...

Shruti Nagpal ने कहा…

जो आज, है कल!
वो कल, आज हो जाएगा!

और

जो आज, है आज,
वो कल, कल हो जाएगा!

इमरान अंसारी ने कहा…

क्या बात है जोश भरती पोस्ट........वीर तुम बड़े चलो

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…


दिनांक 18/03/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!

vandana gupta ने कहा…

सत्य कहती रचना

monali ने कहा…

:)

Manoj K ने कहा…

प्रयास कर , साकार कर !!!
बहुत खूब ।
तो आजकल कवि हो गए हैं आप ?!!