केमिकल लोचे के शिकार.....

पहचान कौन???

मेरी फ़ोटो
मैं कौन हूँ, मैं क्या कहूं? तुझमे भी तो शामिल हूँ मैं! तेरे बिन अधूरा हूँ! तुझसे ही तो कामिल हूँ मैं!

आपको पहले भी यहीं देखा है....!!!

शनिवार, 23 नवंबर 2013

आई फाउंड गॉड!!!


बस तू ही तू!


मुल्ला की अजानें सुन के गया,
मस्जिद में तू मुझे मिला नहीं!

मंदिर भी गया मैं तेरी खातिर,
तेरे बुत ने मुझसे बात ना की!!

भटका दर-दर तेरी तलाश में मैं,
काबा काशी कहाँ गया नहीं!?

जब से तू बनके मेरा यार आया,
मुझे हुआ यकीं, तुझपे प्यार आया!

तेरे नूर से ज़ुल्मत है अब रोशन,
बेचैनी को मेरी क़रार आया!

तेरे इश्क़ में सूफ़ी ये काफ़िर बना,
सजदा जो किया एतबार आया!

अन्दर भी तू, बाहर भी तू,!
कभी पोशीदा, कभी ज़ाहिर तू!

सबसे उम्दा नक्काश कभी,
सुखनवर तू, शायर तू!

अब तो ये आलम है मौला!
मैं नहीं हूँ मैं, बस तू ही तू! 
फोटो ऑफ़ गॉड: लवली गूगल  

5 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बस तू ही तू!

-बहुत बढ़िया!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

इश्वर असल में यार के सच्चे प्रेम में ही मिलता है ... बहुत लाजवाब भाव हैं ...

इमरान अंसारी ने कहा…

अरे शुक्र है ख़ुदा का तुम ज़िंदा तो हो :-)))

खैर सुभानल्लाह इस पोस्ट के लिए । ये सत्य जितनी जल्दी अंगीकार कर लिया जाये उतना ही अच्छा कि मैं नहीं हूँ है तो बस तू ही तू |

Rizwana Ansari ने कहा…

bahut pasand aaya,

lori ने कहा…

tu hi tu , tu hi satrangi re....
pyaaaaari :)