केमिकल लोचे के शिकार.....

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बुधवार, 1 जून 2011

बुक्ड!!!

प्यारी सहेलियों और भाईयों,
पिछले महीने पहली तारीख़ को पोस्ट नहीं छपी ब्लॉग पर, लेकिन ज़िंदगी के ब्लॉग पर एक नयी पोस्ट ज़रूर छाप दी है! जब पहली मई को मुझे अपने मासिकधर्म (!!!!!) निभाना चाहिए था, मैं क्वालिस की डिग्गी में सहमा सा उकडू-पकडू सा सफ़र कर रहा था. 
जिन लोगों ने मुझे मिस किया, उन्हें "आई लव यू!!!", और जिन्होंने नहीं किया, उन्हें, "डु यू लव मी?" खैर शुक्रिया दोनों ही का. क्यूँ? मिस करने वालों का इसलिए, क्यूंकि इससे ये साबित हुआ के कुछ लोगों से ही सही, प्यार दोतरफा है! और न मिस करने वालों का इसलिए, क्यूंकि उन्होंने मुझे हिंदी के भावी चेतन भगत होने की खुशफहमी से निजात दिलाया! अब बैंक में ध्यान से डेबिट-क्रेडिट खेलूँगा!!! 

तू ही तू!!!

बस तू ही तू!
हर लम्हा हर सू!
बस तू ही तू!
और नहीं कोई आरज़ू! 
बस तू ही तू! 
तेरी सूरत, तेरी सीरत, शोख़ हँसी उलझे गेसू!
बस तू ही तू!
गुल-ए-फ़िरदौस की खुशबू!
बस तू ही तू!
हर आख़िर हर शुरू!
बस तू ही तू!
राज़-ओ-नियाज़, गुफ़्तगू!
बस तू ही तू!
पोशीदा और रु-ब-रु!
बस तू ही तू!
नमाज़, तजबीह और वज़ू!
बस तू ही तू!
उम्मीद, आस, जुस्तजू!
बस तू ही तू!
साया, सरमाया, जुनूं!
बस तू ही तू!
इश्क, उल्फत, उन्स, उर्दू!
बस तू ही तू!
तेरा हुआ, न रहा मुझपे मेरा कोई काबू!
बस तू ही तू!


आई लव यू!!!
शोख़: शरारत भरी.
फ़िरदौस: जन्नत/ बागीचा. 
राज़-ओ-नियाज़: इंटिमेट कन्वर्सेशन बिटवीन लवर्स.

दिल-ए-नादान: गूगल पहलवान!

21 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

क्वालिस की डिग्गी में तो ठीक है!
प्यार की कश्ती में, लहरीं की मस्ती में क्या करोगे?

बधाई जी बधाई
जीवन धर्म की

Udan Tashtari ने कहा…

आशीष,

ये क्या बात हुई-एक तरफ सहेलियों और इधर भाईयों..दोस्तों, मित्रों से भी तो काम चल जाता?

:)

डिग्गी में बैठे कहाँ चले जा रहे थे, वो तो बताया ही नहीं..

रचना अच्छी पढ़वा दी लेकिन!!!

Smart Indian ने कहा…

सुबहान अल्लाह!

kunwarji's ने कहा…

राम राम जी.

कुँवर जी,

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

की गल्ल है?

हमारे मिस करने की बात कर रहे हो, मिस्टर हो गये हो क्या? अभी नींद में हूँ, रात बहुत देर से सोया था, अंदाजा तो ऐसा ही लग रहा है।

गुडलक।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

जबरजस्त प्रेम प्रवाह।

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

अगर आज आपकी पोस्ट न दिखती तो फिर रिमाइंडर भेजना ही पड़ता .
शादी की बहुत बहुत शुभकामनाएँ! (अगर आपकी जिंदगी की नयी पोस्ट का मतलब मैं सही समझा हूँ तो )

सादर
आपका दोस्त

sonal ने कहा…

पुराने रंग में वापसी बढ़िया लगी

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सब कुछ तू ही तू ... खूबसूरत अहसास ...

आशीष/ ਆਸ਼ੀਸ਼ / ASHISH ने कहा…

मिस तो हम भी करते हॆ पर क्या करे हजूर नम्बर नही हॆ नही तो हर रोज रात मे १२ बजे फोन करके मासिकधर्म की याद दिलाते..वॆसे आप तो जनाब बस एक बार ही मासिकधर्म मे निपटा लेते हो पर हम तो रोज ही आपको मिस करते हॆ :)...वॆसे ये बुक्ड ऒर तू ही तू :) कुछ बात जरूर हॆ...मस्त लगी तू ही तू....

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

आशीष भाई जब मैंने आपकी मेल का शीर्षक पढ़ा "बुक्ड" तो मुझे लगा भैया लड़की के जाल में फस गए लेकिन "तू ही तू" बाद के दिल खुश हो गया मेरा, क्या खूबसूरत शब्दों का उपयोग किया है आपने अपनी कविता में!
मज़ा आ गया!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

तू ही तू तू ही तू ... हर जगह तू ही तू .... लाजवाब है सब ये रचना ...

बेनामी ने कहा…

सबसे पहले व्यूज़ दिए थे.जानते हो कितने मन से लिखती हूँ हर कमेन्ट या व्यूज को.मात्र अपना नाम या लिंक देने नही आती यहाँ.मन की हर बात कह देती अपने कमेंट्स में और बहुत ध्यान से पढ़ती सबके आर्टिकल्स को.ऐसे मैं कमेन्ट गायब हो जाते हैं तो दुःख होता है. जाने मेरा कमेन्ट कहाँ गायब हो जाता है.

इंदु पुरी ने कहा…

' ब्लॉग स्वामी की स्वीकृति के बाद दिखने लगेगा.' ओहो तो ये तुम्हारे पास है.हा हा हा
देख लो सचमुच ऐसीच हूँ न मैं ? बुद्धू एकदम .

Manoj K ने कहा…

बुक्ड का मतलब क्या समझें, बुक्ड फॉर मैरिज या बुक्ड इन अकाउन्ट्स..

खैर आई लव यू टू...

बेनामी ने कहा…

वही तो....पिछली एक को कुछ मीठा नहीं मिला.....हम इंतज़ार करते ही रह गए......मुझे भी लगा बुक्ड से की आखिर ये हैप्पीली अनमैरिड नवयुवक आकिर फन्दे में फस ही गया.......खैर सीन्स्यर्ली आपकी पोस्ट में आध्यात्मिकता का जो भाव है वो मुझे बहुत पसंद आया.....तू ही तू हर सू....सुभानाल्लाह |

रवि धवन ने कहा…

बहुत बढिय़ा।
इतनी देरी से अपडेट हुए हो, मगर पोस्ट ने सारी कमी पूरी कर दी।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Just Zabardast....

बेनामी ने कहा…

अरे! कमेन्ट तो सचमुच में गायब है ! कहाँ गया?
क्वालिस की दिग्गी में????वो भी इस गर्मी में! बाप रे!
हा हा हा तो हमारे हिस्से में आया 'आई लव यु' हा हा अब मिस करते थे या नही वो क्यों बताए?
चेतन भगत बन सकते हो.थोड़ा और गम्भीरता से लिखना शुरू करू.एक दिन वो आये जब ....तुम्हारे प्रसंशकों की भीड़ में सबसे पीछे कड़ी मैं कहूँ 'कभी मुझे ये राइटर मुझे अपनी प्रेमिका कहता था और बहुत प्यार करता 'था' मुझे.'
तुम मुझे दूर से देख लो और कहो-'इतनी दूर क्यों खड़ी हैं माँ सा मेरे पास आइये न .'
ये 'तु ही तु' कौन है भाई? सस्पेंस क्यों बनाए रखा है.बतलाते क्यों नही? एई ! सगाई शादी पक्की हो गई है क्या? चहक महक रहे हो पूरी पोस्ट में.
पार्टी नही मांगूंगी.दूँगी. जल्दी जल्दी लिखते रहा करो.
हल्के फुल्के टोपिक्स पर लिखते हो किन्तु बंधे रखते हो.बहुत बोलती हूँ न? कमेन्ट क्या सारी बाते कर लेती हूँ यहीं.क्या करूं?
ऐसीच हूँ मैं तो.प्यार -तेरी गर्ल फ्रेंड.
'उसका' पता बताओ 'उसे' ब्ताऊंकी ये दुष्ट लड़का तीन तीन प्रेमिकाए पहले से रखे है...अपने दिल में.हा हा हा

Unknown ने कहा…

rachna padh lee, lekin ye bhi to bata dijiye ki zindagi ki book mein kaun sa naya chapter likh gaya hai??

intezaar rahega.

Bharat Bhushan ने कहा…

बुक्ड? यह तो केवल सूचना है. निमंत्रण-पत्र कहाँ है? सहेलियों को न सही, सखाओं को भिजवा देते यार.