केमिकल लोचे के शिकार.....

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शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

द कॉमेडी कॉल्ड लाईफ़!!!


ब्लॉग का टाईटल है: माई एक्सपेरिमेंट्स विद लव एंड लाईफ़! ये और बात है के पिछले कुछ समय से लाईफ़ इज़ एक्सपेरीमेंटिंग विद मी और लव?! लव तो ऐसा हो गया है जैसे किसी फ़िल्म का आईटम सॉन्ग. एकदम ढिनचैक, चमकीला, फुट-टैपिंग, फैंटाबुलास्टिक, और जल्द ही ख़त्म हो जाने वाला! मैं टेस्ट मैच खेलना चाहता हूँ, पर कोई वन-डे तक ठहरता है तो कोई बस ट्वेंटी-ट्वेंटी!

पर आज लव नहीं, लाईफ़ के बारे में गुफ़्तगू करूंगा आपसे. ज़्यादा तो नहीं, पर टक्कर खाके जितना मैं समझ पाया हूँ, ये एक कॉमेडी जैसी है. इसे एक तमाशबीन की तरह देखो तो तालियाँ बजाने के मौके भरपूर मिलेंगे और अगर इसमें अपने रोल को सच मानकर जीने लगोगे तो तकलीफ़ उठानी पड़ेगी! जी हाँ, तमाशा! इस ज़िंदगी के बारे में सब कुछ, सब कुछ झूठ है. अगर कुछ सच है, तो वो है मौत! आप-मैं, हम सब इस बात को जान कर भी अनजान बनते हैं. हम तमाम उम्र गुज़ार देते हैं झूठ को सच की तरह जीकर, और सच को एक झूठ मानकर अनदेखा सा कर देते हैं. 

और जब ज़िंदगी का एकमात्र सच रहपटा मारकर फेसलुक चेंज करता है तो अहसास होता है के भैय्ये जो चला गया वो तो चिरकुट पे फेक प्रोफाईल जैसा था. 

आज आशीष का बर्थडे है और उसकी माँ ने उसे विश भी नहीं किया! डायलोग तो अच्छा लगता है के वो नहीं है पर उनका आशीष हमेशा आशीष के साथ है. लेकिन, सच तो ये है के वो नहीं है और न आएगी! अब आप इसे मेरी असंवेदनशीलता कहिये या जज़्बाती खोखलापन, मैं इसे वास्तविकता का नाम देता हूँ!

चलिए कुछ ठेल देता हूँ, हज़म कर पाए तो 'दोहे' कह लीजियेगा और मुझे इसी बहाने सेहरा बंध जाएगा एक लुप्तप्राय विधा को कुछ साँसे देने का. और हज़म नहीं हुआ तो भैय्ये, हम तो हैं ही लाईसेंसी ढपोरशंख, सर्वाधिकार असुरक्षित!!! भूल गए?
(१)
आज मेरी कल तेरी बारी,
जाने, न माने पर दुनिया सारी I
जो कुछ पाकर तू हर्षाये,
लोकपाल है वो सरकारी II

(२)
मान अकड़ सब पड़ता ढ़ीला,
टूटे जब जीवन से यारी I
मिट्टी, बॉडी बन उठ जाती,
अब तक थी जो काया प्यारी II


(३)
कोलावरी डी नहीं चलता है,
आती जब अंकल यम की फरारी I
सबका 'दी एंड' वही एक सा,
करोड़पति हो या मात्र हज़ारी II

(४)
महल, मीनारें, मोटर, माया,
और भी तेरी चीज़ें न्यारी I
संगी-साथी संग न जाएँ,
जब होती है 'दी लास्ट सफ़ारी' II

(५)
एक दिन होता है शिकार खुद,
मामूली हो या फेमस शिकारी I
 कहत असीस सुनो भई साधो,
  मसखरी करना आदत है हमारी II
ज़िंदगी से ज़िंदगी वापिस चुरा रहा हूँ धीरे-धीरे. हिम्मत करके निकला हूँ बाहर उन स्याह अंधेरों से जो मुझे निगलना चाह रहे थे. क्लासिकल म्युज़िक सीखना शुरू कर दिया है. थोडा सा शो-ऑफ़ करूँ तो, संगीत विशारद कर रहा हूँ, गान्धर्व महाविद्यालय से. आज ब्लॉग भी लिख दिया. उम्मीद है जारी रख पाऊंगा. अगर ज़िंदगी रही तो और अगर ये हो सका तो, ज़िन्दगी की अगली किस्त, 20 फरवरी को.  



ये तो मैं पहले से ही कहता आया हूँ के ज़िंदगी को सीरियसली नहीं सिंसियरली लीजिये. आज उसका कारण भी बता दिया: लाईफ़ इज़ ए जोक!!!  

15 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति!
--
घूम-घूमकर देखिए, अपना चर्चा मंच
लिंक आपका है यहाँ, कोई नहीं प्रपंच।।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आपकी सीख अमल में ला रहे हैं, ठहाका मार कर हँस रहे हैं।

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

bhai maza aa gaya...aap har baar kamaal karte ho....!!!!

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

हाँ अब मानना ही पड़ेगा कि लाइफ इज़ ए जोक ।
और इससे ज़्यादा कुछ है भी नहीं ।
आज जन्मदिन है आपका......आपको जीना है और एक लंबे समय तक जीना है इसलिए कम से कम अपने लिए तो बुझी बुझी सी बातें नहीं कीजिये। शायद खुद के लिए आपकी ऐसी बात आंटी को भी बुरी लगेगी। 20 फरवरी की तारीख नोट कर ली है...अगली पोस्ट आनी चाहिये ...समझे बॉस !
अपना ख्याल रखिएगा।

---आपका भाई

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

हैप्पी बर्थडे टु मंगली मास्टर, मंगली मैनेजर, मंगली संगीतज्ञ और मंगली....।
कोई उपदेश वगैरह नहीं झेला रहा हूँ, अपनी ही कही बात - सिंसियर्ली\सीरियसली वाली याद रहे।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

जन्मदिन की शुभकामनायें ...

सच है मौत जिसे सब झुठलाना चाहते हैं ...
आपकी लिखी खानिकाएं दोहे तो नहीं कही जा सकतीं ..पर हैं स्वादिष्ट ..सब हज़म करने लायक ..

बेनामी ने कहा…

"और जब ज़िंदगी का एकमात्र सच रहपटा मारकर फेसलुक चेंज करता है तो अहसास होता है के भैय्ये जो चला गया वो तो चिरकुट पे फेक प्रोफाईल जैसा था"

आप नहीं सुधरेंगे.........बहुत दिनों बाद आई है कोई पोस्ट.....यही जिंदादिली तो जिंदगी है.....चलकर गिरना और गिर कर संभालना.....जिंदगी हमेशा और सबको झटके देती है पर उनसे उबर कर चलने वाला ही इंसान है.........जब हम कहीं ये पढ़ते हैं या बुद्ध जैसे महाज्ञानी कहते हैं की सिर्फ मृत्यु एकमात्र सत्य है संसार में तब नहीं जब स्वयं के अनुभव से ही इसका पता चलता है बिना आग में हाथ डाले उसकी जलन का अहसास नहीं होता........खैर खुदा आपको ऐसे ही जिंदादिल बनाये रखे.....लव का ज्यादा मैच खेलने से आप अच्छे बैट्समैन बन जायेंगे :-)

Unknown ने कहा…

bhaiye... Pehle to mein janamdin ki shubhakamnayein thel doon. Hajam ho jayengi pata hai

baki to seriously and sincerely ke chakkar se nikloon to likhoon.

Bharat Bhushan ने कहा…

जन्मदिन की बहुत मुबारकबाद.

ज़िंदग़ी बड़ी पिटाई करती है और जवान का धर्म है कि हँसता रहे. लगता है जम्मू से मुंबई चले गए हो. मैं मुंबई से जम्मू आया था.

तुम्हारी कई महीने की अनुपस्थिति माफ़ किया क्योंकि बैकग्राऊँड में चल रहा बुरी घटनाओं का मार्चिंग बैंड सुनाई दे रहा है. चलो कोई बात नहीं. अब फिर से सुझाव दे रहा हूँ. मुंबई में फिल्मी नायिकाओं से दूरी बनाए रखना. लेकिन यह सुझाव है, सलाह नहीं :))

संजय भास्‍कर ने कहा…

जन्मदिन की शुभकामनायें....भैया जी

उम्मतें ने कहा…

बर्थ डे दुआ ये कि आप टेस्ट कैप हासिल करें ! पर ख्याल रहे ज़माना वन डे और ट्वेंटी ट्वेंटी का है सो इन्हें भी खेलिये !
और हां एक बात और , शतकों के शतक के चक्कर में मत पड़ियेगा ! महानता इससे कुछ कम में भी साबित हो जाती है :)

Avinash Chandra ने कहा…

शुभकामनाएँ दे ही सकता हूँ आशीष भाई, देर से ही सही।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

No doubt ... life is a joke BUT .... jeevan joke se nahi chalta ... n hi vaastivikta ko jhuthlaaya ja sakta hai ... jeevan ko full too jeena jaroori hai jaise marji jiyo ...
Good luck for classical music learning ...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Happy birthday to you ...

Udan Tashtari ने कहा…

लाईसेंसी ढपोरशंख- हा हा!! :)